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Friday, June 1, 2018

खुशहाली के दावों के बीच हर आधे घंटे में एक किसान कर रहा है आत्महत्या!

कर्ज बनता है मर्ज और ले लेता है जान...दो दशक में 3,21,407 किसान मौत को गले लगा चुके हैं. देश में करीब करीब 9.2 करोड़ किसान परिवार हैं, जिन पर औसतन 47 हजार रुपये का कर्ज है. लेकिन विज्ञापनों में किसान खुशहाल हैं, आखिर क्यों, पढ़िए पूरा विश्लेषण

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